about Shree Ganga Goushala
1. स्थापना:
श्री गंगा गौशाला कतरास-करकेंद की स्थापना 26 जनवरी 1920 ई. को कतरासगढ़ के राजा स्व. श्री शक्ति नारायण सिंह जी ने अपने पूज्य पिता स्व. श्री गंगा नारायण सिंह जी की स्मृति में स्थानिय गौभक्त जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए अपने कर कमलो से संपन्न की।
2. भूमि:
- दान में प्राप्त
- मौजा रघुनाथपुर – 50–42, कतरास राजपरिवार से प्राप्त
- मौजा रघुनाथपुर – 1–89, स्व. बुधन चंद्र परिवार
- मौजा रघुनाथपुऱ – 1–57, स्व. जानकी देवी चौधरानी
- मौजा कांको – 0–88, स्व. प्रेम चंद्र चौधरी
- खरीद
- मौजा रघुनाथपुर – 8.46, स्व. जानकी देवी चौधरानी
- मौजा रघुनाथपुर – 0–11, स्व. शेखदीन बाबू
- मौजा नारायणचक – 47.95, स्व. प्रेम चंद्र चौधरी परिवार
- मौजा चुंगी – 2.02, स्व.शिव प्रसाद चौधरी
3. गौवंश:
वर्तमान समय में 1105 गौवंश है, जिसमें दुग्धवती गायो की सांख्या 170 है। शेष 433 गौवंश, 119 गर्भवती गाये, सुखी, विसुखी गाये, बाछ़ा, 397 बाछ़ी, 63 बैल, 42 सांड इत्यादि सेवा योग गौवंश है
4. गौ गृह:
गौशाला में 29 गौ गृह विभिन्न नाप के बने हुए है, समस्त गृह पक्के है| 153x153 माप के 500 गौवंश के रहने के लिये आधुनिक गौ गृह मंदिर निर्माण का कार्य चल रहा है)।
5. नारायणपुरी गोशाला:
240 फीट × 233 फीट क्षेत्रफल में स्थित यह गौशाला, आधुनिक तकनीक से निर्मित हवादार भवन है जिसमें प्रकाश, वेंटिलेशन, जल, मल निकासी आदि की उत्तम व्यवस्था है। इसमें 300 गायें रखी जा सकती हैं।
6. जन्तुविज्ञान गोशाला:
जन्तुविज्ञान गोशाला 28 एकड़ क्षेत्रफल में स्थित है और इसमें 4 गौशालाएँ हैं। इसमें 9×10 फीट आकार की 108 गोमठ बनाए गए हैं।
7. चरसवतीविहारी:
चरसवतीविहारी करनाल–करनाल मार्ग से पश्चिम लगभग 3.00 एकड़ क्षेत्र में स्थित है। इसमें मुख्य चरसवतीविहारी भवन के साथ गौशाला स्थित है, जिसका क्षेत्रफल लगभग 7440 वर्गफुट है। इसमें मुख्य भवन के साथ गोमठों का निर्माण कार्य किया गया है।
8. चाराचंगारण गृह:
लगभग 90×65×15 फीट आकार का यह चाराचंगारण गृह गोदाम बना हुआ है, जिसमें 2500 टन भूसा संग्रहण की व्यवस्था है।
9. विचाली गोदाम:
33×33×12 माप के साथ भंडारण हेतु गोदाम बना हुआ है। जिसमें गेहूँ, मक्का, चोकर आदि रखे जाने की व्यवस्था है।
10. कुटीर:
75×20×15 माप का कुटीर है, जिसमें विद्युतीय व्यवस्था है।
11. पशु औषधालय:
गौशाला परिसर में ही औषधालय की सुविधा है, जहां पशुओं की चिकित्सा एवं उनके इलाज की व्यवस्था है। डॉक्टर नियमित रूप से उपस्थित रहते हैं।
12. दानागोदाम:
कुटीर के दक्षिण एवं गौशाला कार्यालय के पीछे 6 कमरों वाला भवन है जिसमें दान हेतु गोदाम है। इसमें खली, चुनी, चोकर आदि रखने की व्यवस्था है।
13. गौरीकृष्ण गृह:
गौशाला के मुख्य मार्ग के सामने गौरीकृष्ण मंदिर है, जिसमें मंगलवार के दिन विशेष पूजा होती है। मंदिर में 21 गायों का प्रतीकात्मक रूप से प्रतिनिधित्व किया गया है। मंदिर में श्रीकृष्ण–गोपाल की प्रतिमा स्थापित है।
14. सिन्धुरीक:
गौशाला प्रांगण में प्राचीन एवं नव्य शिव मंदिर है जिसमें भगवान शिव के परिवार की प्रतिमाएँ स्थापित हैं।
15. हनुमान मंदिर:
शिव–मंदिर के सामने प्राचीन हनुमान जी का मंदिर निर्मित है।
16. प्रवेश द्वार:
गौशाला परिसर में गायों के प्रवेश हेतु 1400 R.F.T × 10" P.C.C. प्रवेश द्वार का निर्माण राज्य–सभा के माननीय सदस्य श्री देवेंद्र झाजरिया जी के सहयोग से किया गया है।
17. कर्मचारी आवास:
गौशाला परिसर में 26 कर्मचारियों हेतु 5 कर्मचारी आवास बनाए गए हैं।
18. मुख्य चारा भंडारण:
वर्ष 2022–23 में कुल चारा भंडारण 19110 क्विंटल हुआ है।
19. विभिन्न चारे:
गौशाला में पशुओं के लिए हरी एवं सूखी घास, भूसी, दाना, सीरिज, चुकीटोफ्स, लाल चंदन, मोंसाला, आटा, कटकट, मक्का, जौ, मूँग, चना, अरहर, उड़द आदि प्रकार के चारे उपलब्ध हैं। इसके अलावा ‘यू’ आकार का सघन वृक्षारोपण कार्यक्रम भी द्वारा किया गया है। कुल 1000 वृक्ष लगाए गए हैं।
20. पेय जल व्यवस्था:
गौशाला परिसर में लगभग 100 नलों द्वारा स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था की गई है।
21. सौर कम्प्लेक्स:
गौशाला कार्यालय का एक मुख्य भाग सौर ऊर्जा चालित है। इसमें कम्प्यूटर के 100 टेबल के लिए सौर ऊर्जा सुरक्षा हेतु उपयोग की जा रही है। एक पृथक सौर पैनल स्थापित किया गया है।
22. जनरेटर:
गौशाला परिसर में आपातकालीन विद्युत उपयोग हेतु 25 के.वी.ए. का जनरेटर स्थापित किया गया है।
23. तुलादंड:
श्री गंगा गौशाला करनाल एवं झारखंड गौशाला संघ के सहयोग से तुलादंड प्राप्त हुआ है।
24. दुग्ध शीतक:
गौशाला परिसर में दो नये 45 फीट × 25 फीट के आकार के आधुनिक दुग्ध शीतक स्थापित किए गए हैं। श्री वृंद मोहन जी के सहयोग से 60 फीट × 25 फीट आकार का आधुनिक शीतक संग्रहण गृह निर्मित किया गया है।
25. दूध भंडारण गृह:
24×25 फीट आकार का दूध भंडारण गृह बना हुआ है, जिसमें दूध संग्रह कर आय एवं दूध की पैकिंग की सुविधा होती है।
26. दुग्ध उत्पादन:
वर्ष 2022–2023 में कुल दुग्ध उत्पादन 232702 लीटर हुआ है।